पंचतंत्र की कहानी: बड़े नाम का चमत्कार – bade naam ka chamatkar
एक बार..गुरू ने अपने शिष्य को समझाते हुए, आम के पेंड की कहानी सुनाई – एक आम का वृक्ष था। जिसमे ढेर सारे आम पके हुए थे, एक दिन उस पेंड का मालिक आया और पेंड पर चढ़कर सारे आम तोड़ने लगा।
और उसने नाक और भौ को खीझते सिकोड़ते हुए कहा ” मेरे पास अभी समय नहीं है ” मुझे बड़े काम करना है, बड़ा बनना है ऐसे कहते हुए वह व्यक्ति आगे बढ़ गया।
फिर उसने उसे एक अंडा लेने और उसे तोड़ने के लिए कहा। खोल को खींचने के बाद, उसने कठोर उबले अंडे को देखा।
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वे मुस्कुराते हुए व्यक्ति से पूछे तुम वही व्यक्ति हो जिसने कल के सत्संग में बड़ा काम करने और बड़ा बनने के आह्वान पर अपनी स्वीकृति जताई थी।
“आलू, अंडे और कॉफी,” उसने झट से जवाब दिया।
पंचतंत्र की कहानी: संगत का प्रभाव – sangati ka asar – kids stories
आम के बाग की सैर
लेकिन अगर वही कोई उनके टक्कर का आदमी होता तो वे उसके साथ ऐसा करने से पहले कई बार सोचते. इसलिए हमें कभी भी किसी गरीब या लाचार आदमी से लड़ना नहीं चाहिए.
गाँधी जी ने अपने जीवन में कभी भी मांस को हाथ नहीं लगाया. किन्तु एक बार उन्होंने मांस का सेवन किया था. जब read more गाँधी जी ने मांस खा लिया उस रात को गाँधी जी को पूरी रात अपने पेट में बकरे की बोलने की आवाज महसूस हुई.
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